गर्लफ्रेंड के मुंह पर लात मारने वाले पंकज त्रिपाठी के घर पर बुलडोजर चला, मर गया लोकतंत्र


नाम हैं पंकज त्रिपाठी रहने वाले हैं रीवा (MP) जिले के । हरकतें ऐसी की इंसानियत भी शरमा जाए, इन्होंने अपनी प्रेमिका को पहले थप्पड़ जड़ा फिर ज़मीन पर पटक कर मुंह को अपने पैरों से कुचल दिया, तब तक मारा जब तक वो बेहोश ना हो गई। पंकज द्वारा की गई प्रेमिका की पिटाई का यह वीडियो देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. उसकी बर्बरता देखकर हर किसी का दिल दहल गया । मैंने भी वीडियो देखी लगा अंदर से पूरा हिल गया हूं मैं । दरअसल पंकज से उसकी प्रेमिका बार बार शादी करने के लिए कह रही थी और ये बात पंकज को नागवार गुजरी और उनसे हैवानियत शुरू कर दी। लड़की के बेहोश होने तक उसके मुंह पर लातें मारी, इसके बाद गांव के कुछ लोगों के इक्कठा होने पर लड़की को नजदीकी स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया गया और उधर पंकज की 151 में जमानत कर दी गई। फिर वायरल होता हैं वीडियो जिसमें अंधे प्रशासन की आंखें खुलती हैं और वो पंकज को फिर से गिरफ्तार करती हैं और कई धाराओं में केस दर्ज भी करती हैं। 
यहां तक सब तो ठीक था जिसने जुर्म किया उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, पुलिस सबूतों के आधार पर धाराएं लगाकर चार्जशीट दाखिल करेगी तब कोर्ट उसे सजा देगी। 
मगर बीच में प्रवेश होता हैं मामा का बुल्डोजर को लोकतंत्र को कुचलता हुआ आगे बढ़ रहा हैं, एक घर बनाने में तमाम उम्र गुजर जाती हैं और ये तानाशाही रवैया वाले नेता एक झटके में किसी के भी घर को ख़ाक में मिला देते हैं। जुर्म एक ने किया पूरे परिवार को सजा क्यों ? 
क्या अदालतें बागी हो गई या उसमें बैठने वाले न्यायाधीश अब रहें नहीं, बुल्डोजर से जुर्म का खात्मा नहीं बल्कि लोकतंत्र का दमन किया जा रहा हैं। अगर अब नहीं संभले तो अगला घर आपके किसी पहचान वाले का भी हो सकता हैं, घर में और लोग भी होंगे. वो सब भी भुगतेंगे. ये कैसा न्याय है? ये इतना खतरनाक ट्रेंड है कि इसका कलेक्टिव विरोध होना चाहिए. ये लोगों के घरों पर नहीं, लोकतंत्र के एक खंबे न्यायपालिका पर बुलडोज़र चल रहा है. कानून का मज़ाक है ये.इस कार्रवाई की सूचना CM के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से दी जाती है. ये प्योर अराजकता है, जिसे तत्काल इंसाफ के नाम पर परोसा जा रहा है. ऐसे इंसाफ के भुलावे में फँसना जनता को ही भारी पड़ेगा. सिस्टम का इतना चरमराना ठीक नहीं. जो भी इस कार्रवाई का उत्सव मनाए, उसे संविधान फिर से पढ़ना चाहिए.

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