धर्म की आड़ में व्यसन को प्रसाद न बनाये : महाशिवरात्रि ~ शिवम त्रिपाठी

 महाशिवरात्रि या नशे की रात्रि



संकेतात्मक चित्र : व्यसन करता हुआ व्यक्ति 


प्रायः सभी जगह देखा गया है कि शिवरात्रि को भांग का व्यसनपूर्वक सेवन किया जाता है और कुतर्क करते है कि महादेव भी तो भांग का सेवन करते है आप उन भगवान शंकर से तुलना कर रहे है जिन्होंने हलाहल विष का पान किया था और नीलकंठ हो गए थे आपकी सामर्थ्य भी नहीं है उस हलाहल विष को सूधने की फिर आपको उन प्रभु से तुलना करने में लाज नहीं आती

देखिये आपने हाथो अपने इष्ट/धर्म का अपमान न कीजिये शिवबारात में भी भांग और मदिरा का प्रचुर मात्रा में सेवन किया जाता है यह किसी लौकिक व्यक्ति की बारात नहीं है कि आप नशा करके झूमे गाए यह साक्षात भूतभावन विश्वनाथ की बारात है।

जिसमे बाराती भगवान ब्रह्मा,विष्णु और भी महर्षिगण महापुरुष शामिल हुए थे फिर बिचार कीजिये आप जैसे व्यसनयुक्त व्यक्ति भगवान शिव के बाराती कैसे हो सकते है

अब भी थोड़ी सी शर्म हो तो भगवान शिव का उनकी बारात में नशा करके उनका निरादर मत करना ।

प्रतीकात्मक चित्र : नशे की पत्ती 


आप मनुष्य योनि में आशा है आप हमारी बात पर विचार करेंगे ।

आप सभी को सपरिवार महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।

हर हर महादेव 🙏


~ शिवम त्रिपाठी 

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