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Photo: ANI |
एक ऐसा व्यक्ति जो निर्दोष होते हुए भी 22 वर्षों तक पाकिस्तान की जेलों में रहता हैं और आखिरकार भारत उसका मृत शरीर लौटता है । अपने भाई को जिंदा वापिस लाने वाली बहिन जीवन पर्यंत संघर्षरत रहीं,मगर नाकामयाब रही ।
कल (शनिवार) देर रात सरबजीत सिंह की बहिन का निधन हो गया । दलवीर कौर ने अपने निर्दोष भाई को पाकिस्तान से लाने के लिए अकेले ही मुहिम छेड़ दी थी ।
दरअसल सरबजीत सिंह भारत और पाकिस्तान के सीमा वर्ती ( पंजाब ) इलाके तरणतारण जिले के रहने वाले थे । गलती से सरबजीत शराब के नशे में बॉर्डर पार(1990) कर गए , और उन्हें पाकिस्तानी सैनिकों ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें में अदालत में पेश किया गया उन पर जासूसी जैसे कई केसों में मुकदमा(1991) चलाया गया। आखिरकार उन्हें एक पाकिस्तानी अदालत ने फांसी की सजा सुनाई । वो लगभग 22 वर्षों तक पाकिस्तान की जेलों में रहें। इधर उनकी बहिन ने अपने निर्दोष भाई को भारत वापिस लाने की हर संभव कोशिश की । मगर वो नाकामयाब रही, सरकार दिलासे से अधिक और कुछ ना दे सकी ।
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Photo: NBT |
2 मई 2013 को पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या कर दी गई ।
सरबजीत सिंह के जीवन पर एक फिल्म भी बनाई गई हैं जिसमें सरबजीत सिंह के जीवन के कष्टों को हुबहू उतारने की कोशिश की गई हैं ।
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