शानदार किस्सा भोपाल जाते वक्त : पंजाब मेल से !!
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आपातकालीन खिड़की |
शानदार किस्सा :– जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकी , बोगी के दरवाजे पर भीड़ इक्कठा हो गई । समझ नहीं आया की लोग अंदर जा रहे हैं या बाहर आ रहे हैं । मैं जहां खड़ा था वहीं खड़ा रहा । कुछ पल तक ये खुबसूरत नजारा देखता रहा । बाहर वाले अंदर जाने के लिए अंदर वालों को और अंदर घुसा रहे थे , और अंदर वाले बाहर वालों को और बाहर धकेल रहे थे । कुछ पलों के लिए मैं भूल गया कि मुझे भी इसी ट्रेन से और इसी दरवाज़े से अंदर जाना है और भोपाल पहुंचना है । फिर क्या इससे पहले कुछ अधिक समझता , मैने एक निर्णय ले लिया । दरअसल मैं जहां खड़ा था वहां एक आपातकालीन खिकड़ी थीं , फिर क्या बिना सोचे समझे बैग को मैने खिड़की से अंदर किया । और दोनों हाथों से खिड़की को जोर से पकड़ कर अंदर घुस गया । पहले मैने खिड़की में पांव घुसाए फिर अपनी गर्दन ।
पास में ही खड़े लोग देखते ही दंग रह गए , शायद वो भी सोच रहें होंगे काश ये रास्ता मैंने भी अपनाया होता , तो शायद अब तक मुझे सीट मिल गई होती ।
~ विनय कुमार झा
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