दो तुकलकी फरमान/आदेश

एक फ़रमान जो राज्य शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक को सुनाया गया ।

प्रसिद्ध उर्दू कवि मोहम्मद इकबाल जिन्होंने 1902 में एक गीत लिखा था
“ सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा ” 
इन्होंने एक कविता/प्रार्थना भी लिखी थी जिसके बोल हैं…
“ लव पे आती दुआ बनके तमन्ना मेरी ” 
इस कविता/प्रार्थना के दौरान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को राज्य शिक्षा विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है. स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रार्थना स्वीकृत सूची का हिस्सा नहीं थी और एक समुदाय से संबंधित थी । 
आगे जानते हैं “वीणा वादिनी वर दें” एवम् “इतनी शक्ति हमें देना देता ” उक्त प्रार्थनाएं क्या किसी एक समुदाय से संबंधित नहीं हैं ? 
इस घटना प्रधानाध्यापक नाहिद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है और संविदा शिक्षक वजरुद्दीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है । 
मेरा मानना है कि आपको एक बार ये कविता ( लव पे आती दुआ बनके तमन्ना मेरी ) जरूर पढ़नी चाहिए, और इसका अर्थ जानने के उपरांत आप सही और गलत में फर्क कर पाएंगे ।

दूसरा फ़रमान दिल्ली के रोहिणी गुरुद्वारा का है, ये रोहिणी फरमान/आदेश SDM शहजाद आलम ने सुनाया है जिसमें उन्होंने गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में आने वाली संगतों की संख्या खुलने का समय और शोर प्रतिबंध पर पाबंदी लगाई है। इस आदेश में एक ही समय में 10 से अधिक व्यक्तियों को इकट्ठा होने पर पाबंदी है, सुबह 06:45 से 07:15 तक और शाम 07:15 से 08:15 तक माइक का उपयोग और खोलने के आदेश दिए हैं एवम् महिलाओं को के लिए 03:30PM से 05:30PM तक बिना माइक और सीमित शोर सीमा के अंदर भजन/कीर्तन करने का आदेश दिया गया । 
 इसके अलावा प्रकाश पर्व और जयंती पर कोई पाबंदी नहीं लगाई । 
इस आदेश को सिख समुदाय के लोगों ने और कई सामाजिक संस्थाओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया । जिसके चलते एसडीएम को अपना आदेश वापस लेना पड़ा। 

दोनों आदेशों/फरमानों पर आपकी क्या राय हैं हमारे साथ जरूर शेयर करना।

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