वह थोड़ी सी भोली, थोड़ी समझदार है।।

 वो थोड़ी सी भोली,

थोड़ी समझदार है।

दिल से मासूम है,

मगर लड़की तेज तर्रार है।।

बदल जाते हैं मौसम,

जब वो हंसती है।

चेहरे पर मुस्कान उसके

खूब जंचती हैं।।

हवाएं भी थम जाती हैं,

जब वो चलती है।

आवाज भी उसकी ऐसी है,

कि कोयल कान लगाकर सुनती है।।

वो बल खाकर चलती है,

आशिकों के दिल कुचलती है।

लटों का लहराना जैसे

हम पर कयामत ढाती है।।

चांद सा प्यारा मुखड़ा है,

चांदनी सी चमकदार है।

वह थोड़ी सी भोली,

थोड़ी समझदार है।।

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