ना दे मेरा जनाजा__गढीजीतेरी ना मौजदुगी__की ... !!
गिरा कर चंद आंसू मेरा मजार पर अपनी मुहब्बत कायम कर जाना ... !!!
और जब पहुंचु उम्र के उस पार किसी बहाने से ... !!
देकर__दस्तक तुम भी मेरे_रचना में समा__जाना ... !!
writer- vinay kumar jha
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