एक मुसलमान होने की मिली सजा..नवभारत की नफरत बनी बजा ।


हाल ही में खेले गए आईसीसी वर्ल्ड कप मैं भारत को पाकिस्तान से करारी हार मिलने पर लोगों ने मोहम्मद शमी को लेकर बवाल खड़ा कर दिया । लोग तरह तरह के इल्जाम लगा रहे हैं ,पाकिस्तान से हारने का इल्जाम शमी पर थोप रहे हैं शमी भारतीय टीम के सबसे तेज गेंदबाज कहे जाते हैं । जिनके खराब प्रदर्शन के कारण लोगों ने उनकी देशभक्ति को चिन्हित किया है और उनकी देशभक्ति पर भी सवाल उठाए हैं । हिंदुस्तान में मुसलमान होना गुनाह है उन्हें अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए ताउम्र लड़ना पड़ता है कुछ राष्ट्र के ठेकेदार जो राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट लिए घूम रहे हैं उसे हासिल करने के लिए उन्हें सारी उम्र प्रयासरत रहना पड़ता है । एक मुसलमान के लिए भारत की तरफ से खेलना गुनाह साबित हो रहा है । और भारत की मीडिया ने तमाशा बना कर रख दिया । एक हिंदुस्तानी रिपोर्टर ने शोएब अख्तर से पूछा क्या तुम्हारे देश में भी क्रिकेट मैच को लेकर वही सब चल रहा है जो मेरे देश में चल रहा है शोएब अख्तर ने उसकी बात का करारा जवाब देते हुए कहा हमारी तरफ से कोई ऐसा नहीं सोचता क्रिकेट एक खेल है जिसमें हार और जीत निश्चित है अब यह किसके हिस्से में आती है यह वक्त और अपने प्रदशन पर निर्भर करती है । इसको लेकर ना ही हम उत्सुक हैं और ना ही हम परेशान हैं । जबकि भारत वासियों ने यह गलतफहमी पाल रखी थी कि पाकिस्तान उनके सामने एक ही मिल पाएगा ।

भारत के लोगों ने शमी के खिलाफ तरह तरह की टिप्पणियां की भद्दी भद्दी गालियां दी यहां तक कि उन्हें गद्दार और देशद्रोही तक करार दे दिया । सिर्फ मोहम्मद शमी ही नहीं भारत का कोई गेंदबाज भी पाकिस्तानी टीम के आगे टिक नहीं पाया लेकिन मोहम्मद शमी को ही निशाना बनाया जा रहा है उसकी वजह है उनका मुसलमान होना । हमारे देश में मुसलमानों के लिए तुच्छ नजर से देखा जा रहा है ,जबकि पाकिस्तान में कुछ लोग महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं पाकिस्तान के बड़े बड़े खिलाड़ी भी धोनी और कोहली को अपना आदर्श मानते हैं सिर्फ इतना ही नहीं उनकी इज्जत करते हैं और उनसे प्यार की करते हैं । मगर हमारे देश में हमारे ही खिलाड़ियों की इस तरह से बेज्जती हो रही है जैसे वह किसी गैर मुल्क से ताल्लुक रखते हो । शमी के साथ-साथ लोगों ने विराट कोहली पर भी निशाना साधा है जबकि कोहली ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन ज्यादातर लोग मोहम्मद शमी के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । कुछ मीडिया समुदाय के लोग शमी के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव भी कर रहे है । शमी ने अपना पूरा योगदान देते हुए भारत के लिए जी जान लगाकर खेला सिर्फ इतना ही नहीं शमी ने अपने दम पर भारत के लिए कई मैच भी जितवाए । यह पूरा घटना क्रम यहां आकर शुरू होता है कि शमी के नाम के आगे मोहम्मद लगा है ।

भारत के पूर्व सबसे तेज इरफान पठान ने कहा है कि ऐसा नहीं है मैंने भी कई मैच खेले हैं हारे भी हैं और जीते भी हैं , मगर मैंने पहले कभी इतनी निर्लज्जता महसूस नहीं की । और उन्होंने कहा है की हमसे किसी ने पाकिस्तान जाने के लिए नहीं कहा लेकिन यहां इस मैच को हार जाने का कहर कुछ लोगों पर इस क़दर टूटा है कि लोगों ने अपनी मर्यादा की सारी हदें पार कर दी । जहां एक तरफ समी का खुलकर विरोध किया जा रहा है वही शमी के पक्ष में कई दिग्गज आकर खड़े हो गए हैं । सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने मोहम्मद शमी का पक्ष रखते हुए कहा कि हम सभी मोहम्मद शमी से प्यार करते हैं हम उनके साथ खड़े हैं शमी में भारत बसता है , उन्होंने अच्छा खेला इसमें उनका कोई कसूर नहीं है हार जीत खेल का सिर्फ हिस्सा है जो किसी एक के हिस्से में आती है , चाहे वह जीत हो या हार । राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है हम सभी आपके साथ हैं हम आपसे प्यार करते हैं इन लोगों को माफ कर देना क्योंकि इन लोगों से कोई प्यार नहीं करता । और यह लोग नफरत से भरे हुए हैं । इसके साथ साथ क्रिकेट कोमेंट्रटर हर्ष भोगले ने भी शमी के समर्थन में आकर कहा कि जो लोग शमी का विरोध कर रहे हैं उनसे मेरी विनती है कि वह क्रिकेट है ना देखें आपकी अनुपस्थिति से क्रिकेट को कोई फर्क नहीं पड़ेगा । क्रिकेट एक खेल है इसे भावना की दृष्टि से देखे । एआईएमआईएमआई के चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी वीरेंद्र सहवाग के बाद भड़क उठे उन्होंने कहा की टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं मगर सिर्फ एक के लिए ही निशाने पर क्यों लिया जा रहा है इससे मुसलमानों के प्रति कितनी नफरत है यह साफ साफ झलकती है यह बात बिल्कुल सत्य है कि कुछ लोग नफरत की आग में इतना जल रहे हैं कि उन्होंने अपने अंदर के इंसान को जला लिया है और एक नफरती इंसान को जन्म दिया है । जहां एक तरफ विराट कोहली ने मोहम्मद रिजवान को गले से लगाया यदि वहीं पर मोहम्मद शमी रिजवान या बाबर आजम से गले मिलता तो उसके ऊपर सियासत खड़ी हो जाती है जिसे झेलना शमी के वश की बात ना होती । मगर यह बात तय करती है जिसकी जैसी भावना होगी वह वैसा ही व्यवहार करेगा , मगर यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हमें किस प्रकृति में ढलना है । लोग यहां ऐसे भी हैं जो कल के किए एहसान को आज भूल जाते हैं 2015 में हुए वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी ने 4 विकेट लेकर भारत को पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत दिलाई थी , मगर यह बात शायद भूल चुके हैं यह जानते हुए भी खेल भावनाओं का खेल होता है हार जीत खेल के दो पहलू हैं जो किसी एक के पक्ष में आना तय है मगर एक व्यक्ति के लिए हार का जिम्मेदार ठहराना कदाचित उचित नहीं है । जिस तरह से कट्टर भारतीयों ने नफरत का जहर उगला है उन्होंने सिर्फ एक व्यक्ति का ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत का विरोध किया है । मुझे यह सब देखकर व्यक्तिगत काफी गहरा दुख पहुंचा । हमने यह नफरत की एक मिसाल पेश की है दुनिया के सामने और यह दिखा दिया है कि हम भी कितनी नफरत से भरे हुए हैं ।
लेखक — विनय कुमार झा

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