हर तरफ अंधेरा अंधेरा है ,
जैसे आंखों में बादल छाए हैं ।
बैचेनी सी उमड़ रही ,
हर तरफ गमों के साए हैं ।
कुछ टूटा जैसे महसूस किया ,
धड़कन और सांस के बजाय है ।
कैसे बयां करूं उस दर्द को ,
हम कई वर्षो के सताए है ।।
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