खुदा और शराब पर शेरो शायरी

 1 – मिर्ज़ा ग़ालिब ने लिखा –


"ज़ाहिद,पीने दे शराब मस्जिद में बैठकर 

या वो जगह बता जहां खुदा नहीं"


2 – अल्लामा इकबाल ने लिखा –


“मस्जिद खुदा का घर है पीने की जगह नहीं

काफिर के दिल में जा वहां खुदा नहीं”


3– फराज़ ने लिखा है –


“काफिर के दिल से आया हूँ मैं ये देख कर

खुदा मौजूद है वहाँ , पर उसे पता नहीं”


4 – साहिब ने लिखा –


“खुदा तो मौजूद दुनिया में हर जगह

तू जन्नत में जा वहाँ पीना मना नहीं”


5 – साकी ने लिखा 


“पीता हूं गमे दुनिया भुलाने के लिए साकी

जन्नत में कौन सा गम है इसलिए वहाँ पीने में मजा नहीं”

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