बाह री दुनिया तेरे रिवाज : vah ri duniya tere rivaj : Kavita By Vinay Kumar Jha

 एक बेटे की विडंबना


बाह री दुनिया तेरे रिवाज ,

बाप मरे तो करे बेटा काज ।

चलना सिखाया जिसने मुझे 

कैसे जलाऊ उसको आज ।।

बाह री दुनिया तेरे रिवाज ,

जिसने बनाई थी मेरी दुनियां ।

अब वो कैसे करेगा उस पर राज ,

जब बाप ही छोड़ कर चल दिया कैसे संभालू सारे काज ।।

बाह री दुनिया तेरे रिवाज ,

लूट कर मुझसे कहती हैं बनना सीखो ।

आंसू देकर कहती पोछना सीखो ,

अब क्या करू तुझसे गिला ऐतराज ।।

बाह री दुनिया तेरे रिवाज ,



में दिन भर बरसात मे भीगता रहा फिर भी पसीना तन से निकल रहा था । 

लगता है वो ओड़कर गैर का दामन मेरी मुहब्बत कुचल रहा था ॥

जब मे वेवश होकर अपनी इज्जत के बदले उसकी इज्जत बचा रहा था ।

तब वो न जाने कितनो के दिलो को तोड़ कर कितने दिलो से खेल रहा था ॥ 


जीने की ख्वाहिश है ,

पर मरना है उसके लिए ।

वतन की शान है ,

आहे ना भरना उसके लिए ।।

 जिंदगी जाए तो गम नहीं ,

 पर वतन की शान ना चली जाए ।

 अपने इन कदमों को यारों ,

पीछे मत बताना उसके लिए ।।(deshbhakt shayari)


तू आसमान भी छू लेगा बस एक बार ठान ले ,

मां कहती है अगर जो भी तो तू मां का कहना मान ले ।

तेरे हौसलों को उड़ान मिलेगी यह दावा है मेरा ,

बस एक बार तू अपनी मां के दिल को पहचान ले ।।(motivation shayari)


सहारा किताबों का लेकर कॉलेज को निकल जाते हैं ,

देर से यू पहुंचेगी बहाना बारिश का बताते हैं ।

रास्ते भर लड़कियां छेड़ी और सीटी बजाते हैं ,

टीचर कहते हैं कि बेचारे इतनी मुश्किल में भी पढ़ने आते हैं ।।(college shayari)



यह जिंदगी प्यार की प्यासी है ,

प्यार के बिन छाई इस पर उदासी है ।

जिंदगी प्यार का गीत है ऐसा सब ने कहा ,

मगर जिसमें प्यार नहीं वह जिंदगी खामोशी है ।।( Jindgi Shayari)


इंतजार किया तो यार मिला

इजहार किया तो प्यार मिला ।

जब उसके गुलाबी होठों को चूमा ,

खुदा कसम मुझे मेरा दिलदार मिला ।।(Intzaar Shayari)


किसी मजबूर कि खामोशी की कोई जुबान नहीं होती ,

अजनबी शहरों में किसी से पहचान नहीं होती ।

इन मतलबी शहरों में तो वह खुद को भूल जाता है ,

यहां तक कि अपनी खुद की जान उसकी जान नहीं होती ।।

यह शहर है साहब यहां इंसानों की कोई कदरदान नहीं होती ।

लाखो करोड़ों हैं रूपये मगर एक भी चेहरे पर मुस्कान नहीं होती ।।

आना कभी मेरे गांव ....... साहब 

आपके यहां जैसी वहां किसी की इज्जते नीलाम नहीं होती ।।

मां बेटियां पर्दे में रहती हैं किसी की इज्ज़त सरेआम नहीं होती ।।(ijjat & gareeb Shayari)


जब प्यार तुम्हारे बस में ना था तो किया क्यों ,

खुद पर भरोसा ना था तो यकीन दिलाया क्यों ।

तुम तो इतने खुदगर्ज निकलेगी याद करके भूल गए ,

जब हमें याद ही नहीं रखना था तो दिल लगाया क्यों ।। (bevafa shayari)


में जी रहा हूं तो सिर्फ अपनें सपनों के लिए ...

बाकी इस दुनियां में मेरा कोई नहीं है....

जिस दिन मेरे सपने टूटे....

शायद सांस भी उसी दिन टूट जाए ..... ( Tanha shayari)


दोस्ती करके हम दोस्तों को आजमा आएंगे

दोस्ती का हर इम्तिहान होने दिखलाएंगे ।

निभाई जाती है किस तरह दोस्ती

अब हम उन्हें दोस्ती की दास्तां सिखलाएंगे ।।(dosti shayari)


तेरे प्यार में क्या हाल है मैं कह नहीं सकता

तुझसे जुदा होकर मेरी जान अब मैं जी नहीं सकता

तुमसे मिलने के लिए मैं पल-पल तड़पता हूं

अपनी इस बेचैनी को अपने सह नहीं सकता ।।(Love shayari)

तेरी कसमों ने रोका है मुझे ...

मैं तेरी यादों में जी भर के रो नहीं सकता ।।

मैं मर मर के जी रहा हूं तुझसे दूर रहकर ,

मगर तुम से किए वादों के कारण मैं मर भी नहीं सकता ।।(yaad shayari)


जख्मी मिलने से पहले वह सिलता है ,

बाद में शौक से वह जीता है ।।

जीने की हसरत जाग गई तभी तो उसमें 

आज देखो वह शान से पीता है ।।(peena & jeena shayari)



Shayari & Kavita — Vinay Kumar Jha


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