The Kashmir Files:
इन दिनों विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” चर्चा का विषय बनी हुई है । यह फिल्म बॉलीवुड से निकलकर अब राजनीति का हिस्सा भी बन गई है ।
दरअसल यह फिल्म कश्मीर में हुए कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के दर्द को बयां करती है
इस फिल्म पर जमकर राजनीति की जा रही है , इसी बात को लेकर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में “द कश्मीर फाइल्स” का जिक्र किया उन्होंने कहा कि “इन दिनों द कश्मीर फाइल्स फिल्म की चर्चा हो रही है जो लोग फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन के झंडे लेकर घूमते हैं वो लोग बौखलाए हुए हैं
एक पूरे इकोसिस्टम द्वारा षड्यंत्र चलाया जा रहा है , जो सत्य है उसको सही स्वरूप में देश के सामने लाना देश की भलाई के लिए होता है”
फिल्म कश्मीर फाइल्स में आर्टिकल 370 का विरोध भी दिखाया , क्योंकि यह आर्टिकल कश्मीर को भारत से अलग करता था ।
प्रधानमंत्री ने संसद में अपने भाषण के जब द कश्मीर फाइल्स का जिक्र किया तो विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कश्मीर फाइल्स का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री के बयान पर निशाना साधा और एक के बाद एक ट्वीट किए..
उन्होंने लिखा कि..
क्या देश के पीएम, बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फ़िल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं?
तथ्यों और सच्चाई से मुँह फेरे मोदी सरकार को आख़िर कब अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा?
आख़िर कब तक केवल झूठ-नफ़रत-बँटवारे में ही राजनीतिक अवसर तलाशते रहेंगे?
आपका पितृ संगठन 1925 में गठन से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और बापू के खिलाफ़ खड़ा रहा।
'असहयोग आंदोलन' हो, 'सविनय अवज्ञा' हो या 'भारत छोड़ो' का देशव्यापी आंदोलन हो…हर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे।
जब देश आज़ाद हुआ तो पहले दिन से 'बांटो और राज करो' अपना लिया।
मोदी जी बताएँ-
जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन को मजबूर हुए
तब भाजपा के 85 सांसद, जिनके समर्थन से केंद्र की वी.पी.सिंह सरकार चल रही थी, क्या कर रहे थे?
CM को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?
याद करें,
भाजपा समर्थित सरकार में जब कश्मीरी पंडितों का उत्पीड़न और पलायन हो रहा था तब राजीव गाँधी जी ने संसद का घेराव किया, उनकी आवाज़ उठायी।
मगर भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया, राजनीतिक फ़ायदे के लिए 'रथ यात्रा' निकालते रहे।
ये तब भी वैसे थे और अब भी वैसे ही हैं।
8 सालों में मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या किया?
कश्मीर में फ़िर से हालात बद्तर हुए, हिंसा बढ़ी और हज़ारों कश्मीरियों को पलायन करना पड़ा।
जब कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर सके तो “फ़िल्म” दिखाने में जुट गए?
नफ़रत की खेती से फ़ायदे की फ़सल कब तक?
जब कश्मीरी पंडित पलायन को मजबूर थे…
जब आपके समर्थन से दिल्ली की सरकार चल रही थी
जब CM को हटाकर आपके नेता श्री जगमोहन गवर्नर थे और उन्होंने जुम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया था…
जब भाजपा और अडवाणी जी “रथ यात्रा” में व्यस्त थे..
उस रथ यात्रा के संचालक-इवेंट मैनेजर मोदी जी थे।
और हाँ,
कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के लिए
UPA सरकार में-
•10 साल में 4241 आतंकी मारे गए
•PM पैकेज में 3000 नौकरी
•5911 ट्रांजिट आवास बनाये
मोदी सरकार में-
• 8 साल में 1419 आतंकी मारे गए
• केवल 520 नौकरी मिली
•1000 ट्रांज़िट आवास बनाये
सिर्फ़ घाव हरा कर फ़ायदा उठाएंगे?
द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर आप क्या प्रतिक्रियां देना चाहेंगे हमें कमेंट करके अवश्य बताएं ।।
धन्यवाद
– विनय कुमार झा
0 Comments