कौमी एकता का प्रतीक हजरत सैयद मोहम्मद इश्हाक बली शामी उर्फ बाबा बालजति शाह रह.अलैह धामौनी वाले बाबा ।
बाबा बलजादी शाह की मजार |
बालजदी शाह बाबा शहंशाह ए दरबार एवम् मस्तान शाह बली
इसका निमार्ण 16 वी शताब्दी में हुआ ।
यह मजार एक वर्गाकार चबूतरे पर निर्मित है ।
मकबरे का निमार्ण पीले बलुआ पत्थरों से हुआ है ।
दरगाह से भिन्न एक चबूतरे पर मस्ज़िद भी स्थित हैं ।
इसका निमार्ण मुगल सेना के शिल्पकार और धामोनी के सूबेदार रणबुहा खान ने 1675 ईस्वी में करवाया था ।
मस्जिद और दरगाह दोनों का निर्माण एक ही खास किस्म के बलुआ पत्थर से हुआ ।
मस्जिद और दरगाह को प्रांगण आपस में जोड़ता है जो बहुत ही खुबसूरत है । मस्जिद और दरगाह के बीच में एक हौज का निमार्ण भी किया है ।
( यहां पर इस स्थान का संपूर्ण वीडियो बनाया गया है जहां पर देख सकते हैं )
इस जगह की एक खास बात यह है कि मजार के आसपास जो रेत पड़ी है यह रेत बाबा की मजार को पूरी तरह से ढक देती है । और जब बाबा की मजार का दीदार करने के लिए बाहर से लोगबाग आते हैं तो इस रेत को बाबा की मजार से अलग किया जाता है ।
और ऐसा कहा जाता है कि कि जब बाबा बालजति छोटे थे तब उनसे किसी ने कहा की यदि खुदा आपकी बात सुनता है तो आप इस रेत में अदृश्य होकर दिखाएं और बाबा यह सुनकर रेत की तरफ बढ़े और इसी रेत में गायब हो गए । तभी से बाबा बालजदी शाह की प्रसिद्धि समस्त जगत में विख्यात हैं ।
नीचे कुछ तस्वीर एवम वीडियो डाल रहे हैं जिसने आप और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
मुख्य द्वार पर लगे कुछ साइन बोर्ड |
0 Comments