हास्य लघु कथा ...🤗
आओ सुधीर भाई आओ , कैसे हो
बढ़िया हूं अमीश भाई तुम कैसे हो ।
मैं भी ठीक हूं ।
कैसे आना हुआ ,
अरे भाई मजाक मत करो । वो कल वाला हिसाब करना है जो उस उद्योगपति के यहां से पैसे लाए थे ।
हां हां कर लो । तीन सौ रुपए लिए थे,आधे आधे ले लो ।
ठीक है ।
कुछ देर बाद...
अरे मंत्री साब आप आओ कैसे आना हुआ ।
मुझे खबर मिली कि तुम लोग किसी के यहां से तीन सौ रुपए लाए , उसमें मेरा हिस्सा कहां हैं।
आपका कैसा हिस्सा भाई ।
अच्छा मुझे भूल गए । याद रखो यदि तुमने मुझे पैसे नहीं दिए तो कल तुम्हारे घर ED और CBI की रेड पड़वा दूंगा ।
अरे तिवारी जी कैसी बातें करते हो । आप तो हमारे पुराने मित्र हैं । आपका हिस्सा तो बनता हैं ।
क्यों नहीं भाई ।
बताओं केस चाहिए या ऑनलाइन ।
जैसी आपकी ईच्छा हो वैसे दे दीजिए ।
चलो हम आपको फोन पे कर देते हैं ।
अब खुश ।
तीनों 100 – 100 रुपए आपस में बांटकर शांति से ले लेते हैं और अपने अपने घर चले हैं ।
( नोट – कहानी मनोरंजन के लिए हैं, पात्र, नाम जगह और तस्वीर काल्पनिक हैं । हमारा उद्देश्य किसी की भावना आहत करना नहीं है )
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