इतनी नफरत,
मैं तुमसे करता नहीं था,
पहले तू कभी ऐसे बरसता नहीं था ।।
ऐ आसमान वाले
कभी जमीं पर देख,
वो तड़फ तड़फ के ऐसे मरता नहीं था ।।
वो मेहनत करता था
तुझसे कुछ मांगता नहीं था,
ऐ रहम दिल वाले
तू कभी ऐसा सितम ढाता नहीं था ।
तेरी हज़ार बूंदों पर
उसका एक आसूं भारी हैं ।।
देखा हैं मैने,
वो रोता था कभी
तो तू ऐसे हंसता नहीं था ।।
ठहर जाओ मेघों
इल्तेजा हैं मेरी,
तू पहले कभी
ऐसे बरसता नहीं था ।।।।
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