रानी दुर्गावती के जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें;
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फ़ोटो सोशल मीडिया |
रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्तूबर 1524 को गोंडवाना राज्य में हुआ था। जो अब मध्य प्रदेश का एक जिला हैं। दुर्गाष्टमी के दिन जन्म हुआ था इसलिए इनका नाम दुर्गावती पड़ा। ये बेहद रूपवती थी।
रानी का विवाह राजा संग्राम शाह के पुत्र दलपत शाह से हुआ था जिनकी मृत्यु विवाह के चार वर्ष उपरांत ही हो गई थी। अब पूरा राजकार्य रानी कंधों पर आ गया था। रानी पर कुछ लोगों की बुरी निगाह थीं रानी ने अपने शौर्य के बल पर उनका सफ़ाया कर दिया था। रानी के लिए युद्ध के साथ साथ शिकार का भी बेहद शौक था। वो शेर का शिकार किया करती थीं।
राजा की मृत्यु के समय उनके पुत्र की आयु मात्र तीन वर्ष थी इसलिए रानी ने लगभग सोलह वर्ष तक गोंडवाना राज्य पर शासन किया। रानी ने कभी शत्रुओं के सामने झुकना पसंद नहीं किया, इसलिए आज भारतवर्ष उन्हें बड़े गर्व के साथ याद करता हैं। रानी दुर्गावती हमेशा से अकबर की। कट्टर विरोधी रही। उन्होंने भांप लिया था अब अंत समय नज़दीक आ गया हैं, वो नहीं चाहती थी उनका शरीर दुश्मनों के हाथ लगे इसलिए इस दुर्गा ने 24 जून 1564 को अपनी ही कटार से अपना सीना छलनी कर दिया और आत्मबलिदान की मिशाल गई।
ऐसी वीर रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उनके चरणों में मेरा कोटि कोटि नमन हैं।
~ विनय कुमार झा
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