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कॉलेज का पहला दिन |
साल था 2021 का, दिसंबर का महीना। कोविड 19 का दौर चल रहा था, देश कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहा था। हालांकि ये वो दौर था जब कोरोना कमज़ोर पड़ने लगा था। उस वक्त मैं दिल्ली में था, कॉलेज में मेरा एडमिशन हो गया था। क्लास रेगुलर लग रही थी मगर ऑनलाइन, क्योंकि सरकार ने अभी तक भीड़ भाड़ वाली जगहों पर आना जाना प्रतिबंधित कर रखा था। काफ़ी समय गुजर गया हम कॉलेज नहीं गए। आंखें अलग ही सपने देख रहीं थीं कॉलेज कैसा होगा, डिपार्टमेंट कैसा होगा, जिनके साथ दो वर्ष निकालने हैं, वो कैसे होंगे? बहुत सारे सवाल थे! एक दिन कॉलेज गए, सारे सवालों के जवाब मिल गए। सब हंसते मुस्कुराते, पढ़ते पढ़ाते, मस्ती करते प्यारे दोस्त मिले।
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हमारा बैच |
एक लंबे वक्त के इंतजार के बाद कॉलेज जाना शुरू हुआ, मिलना बिछड़ना लड़ना झगड़ना, रूठना मनाना सब कुछ हुआ। मगर पता नहीं चला दो वर्ष कैसे बीत गए। आज कॉलेज का आखिरी दिन था, किसी आंखें नम थी तो कोई आख़िरी मुलाकात को लेकर खुश था। इस दिन से सभी की जिंदगी में एक नया मोड़ आता हैं, सभी एक दूसरे से जुदा हो जाते हैं, कोई आगे की पढ़ाई करने का सोचेगा, तो कोई पढ़ाई ख़त्म करके नौकरी की तलास करेगा। तो कोई शादी करके सेटल होने का सोचेगा। हर कोई अपना अलग रास्ता चुन लेगा। हम ये सब सोच रहे थे और कॉलेज से जाने का मन नहीं भी कर रहा था। फिर हमनें अपने कैमरे में कुछ लम्हों को कैद कर लिया। हमारे शिक्षक एवम् विभाग के कर्मचारी, सभी ने मिलकर फ़ोटो निकलवाई। हम इंतज़ार करते रहे, सभी के निकलने का, एक एक करके सब निकल गए। अंत में हमनें अपने विभाग को एक फिर से निहारा और हम भी चल दिए।
अंत में यही कहूंगा दोस्तों से……
“यहीं का था साथ हमारा तुम्हारा, गर रही जिंदगी तो मिलेंगे दोबारा”
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कॉलेज का आखिरी दिन |
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