तेरा झुमका मुझ पर कयामत ढाता है।

 तेरा झुमका मुझ पर कयामत ढाता है। 

तेरा वल खाकर चलना, 

चेहरे से उन जुल्फों को बार बार हटाना।

मुझे तेरी ओर खींचता है। 

मैं कैसे कहूं मुझे तुझ पर प्यार आता हैं।।। 

कल तुझको देखा तो था,

मगर तुझमें वो बात ना थीं। 

आज तेरा रूप बड़ा ही कातिल था। 

तेरी एक झलक पाने को मैं पागल सा था।

पर तेरा नखरे दिखना

ऊपर से मंद मंद मुस्काना

मुझे तेरी ओर खींच रहा था। 

मैं तुझको छूना भी चाहूं

तू तितली बन जाती हैं। 

देखा कि तेरा पल्लू गिरने वाला है। 

झटके से उठाती हैं,

कंबख्त पल्लू भी कयामत ढाता है।


- Vinay Kumar Jha 

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