अंजनी माता मंदिर कुम्हेड़ी ललितपुर : ब्लॉग

 अंजनी माता मंदिर 


अंजनी माता व गोद में हनुमान : कुम्हेड़ी


भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक छोटा सा जिला हैं जिसका नाम है ललितपुर हैं । जो करीब चार दशक पहले झांसी का हिस्सा हुआ करता था । मगर राज्य सरकार ने ललितपुर को अलग जिला का दर्जा दे दिया है । ललितपुर भारत के बीचों बीच पूर्व में स्थित हैं । जो तीन और मध्य प्रदेश की सीमाओं से घिरा है । ललितपुर की अधिक जानकारी के लिए विकिपीडिया पर देखें । 
अंजनी माता का मंदिर ललितपुर से करीब पचास किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं । अंजनी माता मंदिर आने के लिए ललितपुर रेलवे स्टेशन के पास एक किलो मीटर की दूरी पर ललितपुर बस स्टैंड हैं । जहां से महरोनी के लिए बस मिलती हैं । अभी हाल में हमारी सरकार ने ललितपुर में हवाई अड्डे का उद्घाटन किया जो कुछ ही समय बाद शुरू हो जाएगा जिससे दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुबिधादायक साबित होगा ।
 महरौनी तहसील हैं जो ललितपुर से करीब चालीस किलो मीटर की दूरी पर है । अंजनी माता मंदिर कुम्हेड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता हैं । कुम्हेड़ी से महरौनी की दूरी दस किलो मीटर है । मगर अंजनी माता का मंदिर आठ किलो मीटर की दूरी पर ही स्थित हैं , जो गांव से दो किलो मीटर की दूरी पर है ।अंजनी माता मंदिर पहुंचने के लिए महरौनी से टैक्सी व मैजिक मिलते हैं । 

(आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अभी सरकारी बस सेवा बंद हो गई हैं जो बस आपको ललितपुर से सीधे अंजनी माता मंदिर के पास पहुंचा देती थी। मगर कभी भविष्य में यह सेवा शुरू भी हो सकती हैं जिससे अंजनी माता मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को अत्यधिक सुविधा मिल सकें । और एक बात ललितपुर से महरौनी तक का निजी बस में पचास रुपए किराया लगता हैं , इसके बाद महरौनी से अंजनी माता मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी व मैजिक वाले बीस रुपए किराया लेते हैं । यदि आप सक्षम हैं तो महरौनी से विशेष वाहन भी किराए पर ले सकतें हैं या ललितपुर से भी ले सकते हैं , मंदिर तक पहुंचने के पक्की सड़क का निर्माण हो चुका हैं आप आसानी से अपने निजी वाहन से मंदिर तक पहुंच सकतें हैं )

अंजनी माता मंदिर नहर के समीप द्वार 

ललितपुर से महरौनी पहुंचने के उपरांत महरौनी से पांच किलोमीटर की दूरी पर छायन नामक गांव मिलता हैं । जहां से हमें बाएं मुड़ना होता हैं । अब श्रद्धालुओं के अंजनी माता मंदिर पहुंचने के काफ़ी आसानी होगी क्योंकि छायन पर अंजनी माता के दो विशाल द्वार बनाएं जा रहे हैं । जिससे वो जगह चिन्हित होती हैं कि अब हमें कहां और किस दिशा में मुड़ना है । 

(एक और बात आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आप ललितपुर से मड़ावरा बस पकड़ कर सीधे छायन पर उतर सकतें हैं । जहां से माता के मंदिर की दूरी मात्र तीन किलो मीटर ही रह जाती हैं । मगर आपको यहां किसी प्रकार का वाहन उपलब्ध नहीं होगा । आपको उसके लिए काफ़ी इंतजार भी करना पड़ सकता हैं । यदि आप पैदल की अवस्था में है तो आप पैदल चलकर भी अंजनी माता मंदिर शीघ्र पहुंच सकतें हैं । आपको मात्र बीस मिनट की दूरी तय करना है । मगर याद रहे मौसम खराब होने की स्तिथि में आप पैदल ना जाएं । क्योंकि रास्ते में रुकने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है । )

छायन पहुंचने के उपरांत आपको बाएं ओर मुड़ना है , फिर इसके बाद आपको तीन किलो मीटर की दूरी तय करने के बाद अंजनी माता का एक और विशाल द्वार दिखाई पड़ेगा । जो आपकी बाईं ओर नहर पर स्तिथ है । कुम्हेड़ी मुख्य मार्ग पर अंजनी माता के द्वार के समीप ही प्रतीक्षालय बना हुआ है , जो मुख्यताः यात्रियों पर केंद्रित हैं । प्रतीक्षालय काफ़ी समय पुराना होने की वजह से छतिग्रस्त हों गया है । लेकिन फिर भी बारिश में आए यात्रियों और थके मांदे व्यक्तियों के आश्रय प्रदान करता हैं । 
चलिए अब अंजनी माता मंदिर के तीसरे द्वार में प्रवेश करते हैं जो आधुनिक कला पर निर्भर है । काफ़ी चौड़ा और विशाल हैं देखने में भी अधिक खूबसूरत लगता हैं । अंजनी माता मंदिर के समीप से गुजरी यह नहर सजनाम बांध से निकलती हैं , और सजनाम बांध बेतवा नदी पर स्तिथ है । 
मुख्यत यह नहर अंजनी माता के लिए साल में दो बार खोली जाती हैं पहला मकर संक्रांति पर्व पर और दूसरा हनुमान जयंती के दिन । वैसे कृषि की सिंचाई के लिए जरूरत के वक्त भी खोली जाती हैं । अन्यथा नहर में पानी छोड़ा जाता हैं । इन दोनों पर्वों पर क्या विशेष महत्व होता है । हम अगले ब्लॉग में जानेंगे । ( अंजनी माता मंदिर मेला कुम्हेड़ी ललितपुर )
जैसे ही अंजनी माता के तीसरे द्वार में प्रवेश करते हैं तब कुछ ही दूरी पर चलने के उपरांत हमें माता अंजनी का विशाल मंदिर नज़र आता हैं । मंदिर को आंखों के सामने पाते ही खुद व खुद हमारी जिव्हा माता के जयकारे लगाने लगती हैं । 
अंजनी माता मंदिर पहुंचने जो नजारा देखने को मिलता हैं वो किसी स्वर्ग की अनुभूति करवाता है । माता का मंदिर कई वर्षो पुराना है , हमारी मान्यता है यहां माता के जल से स्नान करने से सारे रोग दूर हो जाते हैं और पुराने वस्त्रों को त्याग कर यहीं नए वस्त्र धारण करने से निरोगी काया स्वस्थ हों जाती हैं ।
माता के दर्शन के लिए हफ़्ते में रविवार और बुधवार खास दिन हैं । जब अधिक श्रद्धालु यहां आते हैं । मगर माता के दरबार में कोई दिन ख़ास नहीं होता हैं माता का दरबार अपने भक्तों के लिए हर दिन खुला रहता हैं ।
माता के प्रसाद में मुख्यत नारियल चना और चिरोंजी चढ़ता है । 
कहते हैं कि माता के दरबार में आए और माता की चुनरी अपने माथे पर बांधी और जोर से जयकारा लगाया फिर मंदिर में मत्था टेका , माता सभी की मनोकामना पूरी करती हैं । माता के दर्शन यादगार बनाने के लिए पास ही दुकान पर माता की तस्वीर भी मिलती हैं । 
अंजनी माता की जितनी भी लीलाओं और चमत्कार का बखान करें कम ही पड़ता हैं अतिशयोक्ति नहीं होगी । इसलिए यदि सच्चे मन से माता के दर्शन कर लिए तब माता आपको निराश नहीं होने देगी ।  



अंजनी माता मंदिर के दर्शन के उपरांत कुछ ही दूरी पर भगवान शिव और माता चंडिका का मंदिर भी हैं । भगवान शिव का मंदिर अंजनी माता के ग्राउंड में स्थित हैं । जहां हर वर्ष चैत नवरात्रि के बाद पड़ने वा
अंजनी माता का दिव्य मंदिर : कुम्हेड़ी

ली हनुमान जयंती के दिन से मेला लगता हैं जो पूरे नौ दिन तक चलता है , अंजनी माता का मेला एक अन्य नाम से भी जाना जाता हैं जिसे पशु मेला भी कहते हैं ।
(हम अंजनी माता के मेला का वृतांत एक अन्य ब्लॉग में लिखेंगे)
यहां आकर शिव दर्शन करने के बाद अब सीधे मां चंडिका के मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं । हम कहते हैं कि यहीं हमारे गांव में कहीं स्वर्ग जैसा शांत और सुखद वातावरण है तो वह है माता चंडिका का मंदिर । जहां माता के दर्शन करने के उपरांत वहीं वस जाने का मन करता हैं । वो चिड़ियों की चहक वो मनमोहक मंद मंद वायु का वहना , मंथम मंथन फूलों की सुगंध आना । वो दृश्य काफी मनमोहक हैं । अंजनी माता मंदिर और चंडिका माता मंदिर का दृश्य शब्दों में वर्णन करना शायद पूरा ना । 
मगर जो भी हमारा स्वर्ग वहीं हैं ।। हम बचपन से लेकर आज तक जिस भी काम का आगाज़ करते आए हैं सर्वप्रथम हमारे लवों पर माता का ही नाम रहता हैं ।। 

प्रेम से बोलो जय माता दी  


( नोट – मेरे द्वारा दी गई जानकारी व्यक्तिगत अनुभव पर निर्भर है यदि कोई जानकारी सटीक नहीं पाई जाती हैं आप हमें कमेंट करके या सीधे संपर्क करके अवगत करा सकते हैं । यदि कुछ और जोड़ना है जो मेरे द्वारा दी गई जानकारी से भिन्न हैं वह भी आप मुझे बता सकतें हैं । आपका सुझाव हमारे लिए हर दृष्टि से उचित और महत्पूर्ण है । हम आपके सुझाव का सम्मान करेंगे )

लेखक – विनय कुमार झा 

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4 Comments

  1. भाई आपने बहुत ही सुन्दर लाइन प्रस्तुत की हैं
    Thank you bro ��
    Love you bro ��
    I am Laxmi
    From . Carpenter of well (badai ka kua)

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