भारत की आज़ादी का अमृत महोत्सव : निबंध

आज़ादी का अमृत महोत्सव  



परिचय || कहते है कि दसवीं सदी के आसपास जब से हमारे देश को किसी की नजर तब से लेकर आज़ादी तक हम किसी ना किसी की गुलामी के जकड़े हुए । जो विदेशी पहले व्यापार करने की इच्छा रख कर हमारे देश में व्यापार करने आए वो यहां की धन संपदा देखकर चकाचौंध रह गए । और हमारी धन संपदा को हड़पने के लिए तरह तरह के नुस्खे आजमाए । जिनमें से कुछ लूट कर ले गए कुछ लूटने के लिए यहीं बस गए । हमारी गुलामी का दौर ग्यारह वीं शताब्दी से शुरू होकर बीसवीं शताब्दी में आकर खत्म होता । तकरीबन हम नौ सौ वर्ष तक विदेशियों के गुलाम रहें । फिर पीढ़ी दर पीढ़ी हमें गुलामी की आदत सी पड़ गईं । मगर 1857 की क्रांति ने जो आज़ादी लहर पैदा की वो हर भारतीय के दिल में घर कर गई । और ये वही से शुरू हुआ हमारी आज़ादी का दौर जो अंतः 1947 में आकर खत्म हुआ । और हम सभी भारतवासी इस शताब्दियों की गुलामी से आज़ाद हुए । आज़ादी मिलने के पश्चात फिर हमनें भारत को नए सूत्र में पिरोना शुरू किया और चल दिए उस भारत की ओर जो कभी विश्व गुरु हुआ करता था । ये आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत को वही विश्व गुरु बनाने का संकल्प हैं । जैसे आज हर भारत वासी बड़े गर्व के साथ मना रहा हैं ।


प्रस्तावना || भारत की आज़ादी का अमृत महोत्सव हम देश की स्वतंत्रता के 75 वीं वर्षगांठ पर मनाने जा रहे हैं । 15 अगस्त 2022 को हमें आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे । आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरुवात 75 सप्ताह पहले यानी 12 मार्च 2021 को हुईं थीं । 12 मार्च हमारे भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण तिथि है , इसी दिन 12 मार्च 1930 को यानी 91 वर्ष पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन छेड़ा था । जिसकी शुरूवात अहमदाबाद के सावरमती आश्रम से हुईं थीं । नमक सत्याग्रह आंदोलन को एक अन्य नाम से भी जाना जाता हैं जिसे दांडी मार्च कहते हैं । और हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अमृत महोत्सव की शुरुवात सावरमती आश्रम से डांडी पैदल यात्रा रवाना करके की । 


महत्व || आज़ादी का अमृत महोत्सव एक महोत्सव मात्र नहीं बल्कि यह एक हर भारतीय का संकल्प हैं जिसका उद्देश्य भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना है । हमें वो भारत बनाना है जो अंग्रेजों और मुगलों से पहले का भारत था , जिसकी ख्याति समस्त विश्व में फैली हुई थी । जो अपनी संस्कृति और सभ्य समाज से समस्त विश्व में जाना जाता था । जिसका एक अन्य नाम सोने की चिड़ियां भी था क्योंकि हम अपनी अपार धन संपदा के कारण संसार में विख्यात थे। वो भारत जिसे खोजने कभी कोलंबस भी निकला था । यह तभी संभव हो पाएगा जब यह संकल्प जन जन का संकल्प होगा ।


उद्देश्य || भारत की आज़ादी के अमृत महोत्सव के पर्व पर होने वाले समस्त कार्यक्रमों के लिए उच्च स्तरीय राष्ट्रीय समितियों का गठन किया गया । जिससे प्रत्येक राज्य में अमृत महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें । माननीय प्रधानमंत्री जी कहना है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव बाकई जन महोत्सव हैं । जिसमें देश का प्रत्येक नागरिक शामिल हों । आज़ादी के अमृत महोत्सव का सही उद्देश्य तो यह हैं कि हमें दुनियां को अपनी आत्मनिर्भरता दिखाना है , क्योंकि आज़ादी के उपरांत अंग्रेजो ने कहा था कि हमारे जाने के बाद तुम बिखर जाओगे । उसी को ध्यान में रखते हुए हमने सामाजिक , आर्थिक , राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास के जिस सफर को तय करके जो सफलता हासिल की उसे दुनियां के समक्ष प्रस्तुत करना है । और हमारा उद्देश्य आज़ादी की लड़ाई में गुमनाम हुए क्रांतिकारी या इतिहास के पन्नों में कहीं खो गए स्वतंत्रता सेनानी और वो सभी बलिदानियों जिनका अस्तित्व समय की मार के साथ समाप्त हो गया उस सभी की पहचान करके उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और सम्मान दिलाना हैं । भले ही आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं मगर देश का अधिकांश युवा वर्ग यह नहीं जानता कि भारत भूमि ने कैसे कैसे वीरों को जन्म दिया है , उनमें देश के प्रति इतना प्रेम थी कि उन्होंने हंसते हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए । हमें इस संकल्प के माध्यम से उन सभी वीरों को करीब से जानना हैं और उनके सपनों का भारत बनाना है । और हर दिल में देश प्रेम की ज्योत जलाना हैं ।


कार्यक्रम || आज़ादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य है की हर देशवासी को आज़ादी के संघर्ष की कहानी बताई जाएं । जो अपरिचित हैं आज़ादी के संघर्ष से कि हमनें अपने देश की अर्थ व्यवस्था को किस प्रकार संभाला और विकसित किया । और किन किन वीरों ने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया । ये वीरों की शौर्य गाथा घर घर पहुंचाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने से पहले आज़ादी के 75 सप्ताह पहले ही अमृत महोत्सव के कार्यक्रम को सूची बद्ध किया । जो कार्यक्रम सभी अधिकारियों , राजनेताओं , स्कूली छात्र छात्राओं के द्वारा संपन्न होगा । जिसमें सभी अधिकारीगण अपने अपने कार्यालय पर तिरंगा फहराएंगे और अपने भाषण में आज़ादी के संघर्षों को बताएंगे, राजनेता रैलियों के माध्यम से और स्कूली छात्र छात्रायें सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए आज़ादी महोत्सव मनाएंगे । और शिक्षकगण भी अपने सभी छात्र छात्राओं को आज़ादी के संघर्षों की कहानी बताएंगे ।
नरेंद्र मोदी जी आज़ादी के 75 वर्षीय समारोह के लिए मुख्यत पांच स्तंभों का निमार्ण किया जो ( 1. स्वतंत्रता संग्राम, 2. 75 पर विचार, 3. 75 पर उपलब्धियां, 4. 75 पर कदम, 5. 75 पर संकल्प )
 “आज़ादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे”


उपलब्धियां || आज़ादी का अमृत महोत्सव वाकई गर्व का विषय है । क्योंकि हमनें आज़ादी मिलने के पश्चात वह सब कुछ हासिल किया जिससे हमें वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सकें । भारत की अपार धन संपदा के बारे में जैसा कि हम पहले ही जान चुके कि हम सोने की चिड़ियां के नाम से विश्व विख्यात थे । एक अनुमान के अनुसार बता दें कि हम गुलामी से पहले विश्व की अर्थव्यवस्था का एक चौथाई हिस्सा थे । मगर जब हमें आज़ादी मिली तब अंग्रेजो ने लूट कर हमें कंगाल कर दिया था । और उससे अधिक दुर्भाग्य ये हुआ कि हमारा बंटवारा हो गया । उस वक्त हमारा देश पूरी तरह से लहू लुहान हो चुका । तभी अंग्रजों ने कहा था कि हमारे जाने के बाद बिखर जाओगे । मगर ऐसा नहीं हुआ , क्योंकि हमारी भारत भूमि ने ऐसे वीरों को जन्म दिया है जो अपने तपोबल से सूखे वृक्ष में जान दें । करोड़ों की जनसंख्या वाले देश में आसानी से लोकतंत्र की स्थापना करना कोई आम बात नहीं थी , मगर यह संभव हुआ । हमारी एकता ,अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखना और देश को एक सूत्र में पिरो कर रखना ये हमारे देश की उस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती थी । मगर हमारे महावीरों ने इसे अपनी बुद्धिमता और दूरदर्शिता से संजोए रखा । आज भारत विश्व की बड़ी बड़ी शक्तियों के सामने एक महान शक्ति बन कर उभर रहा हैं । जल्द ही भारत विश्व की अर्थव्यवस्था का पांचवा सबसे बड़ा देश बनने जा रहा हैं । भारत थोरियम भण्डार में विश्व में प्रथम स्थान पर है । और थोरियम आधारित परमाणु ऊर्जा बनाने वाला एक मात्र देश भारत हैं । आज भारत के पास खुद की परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत हैं । एक और महत्वपूर्ण बात चांद और मंगल मिशन पर मानव रहित यान भेजने वाला भारत विश्व के पांच देशों में शामिल हैं । आज हमारा देश माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र जी के मार्ग दर्शन से और “ सबका साथ , सबका विकास और सबका विश्वास” इस अवधारणा से आगे बढ़ रहा हैं । हमारे देश में कई प्रकार की महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही , जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर बन कर विश्व के सामने एक नई शक्ति बन कर उभर रहा हैं ।


निष्कर्ष || आज़ादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च 2021 से शुरू होकर 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगा । जिसके दौरान कई महान उपलब्धियों को हासिल करना है । और नई पीढ़ी में देश प्रेम की नवीन चेतना जागृत करना है । ताकि आने वाले समय में आज का युवा वर्ग देश की कमान उचित ढंग से संभाल पाएंगे । देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत यह आज़ादी महोत्सव किसी जाति धर्म संप्रदाय विशेष का नहीं बल्कि यह संपूर्ण भारतवासी का महोत्सव हैं । 
प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि “हमें अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देनी होगी , जिससे युवा वर्ग में हमारी यह पहल कर्त्तव्य का बीज बोएगा जिससे युवा वर्ग अपने कर्तव्यों का निर्वहन ऊचित ढंग से कर सकेगा”
भविष्य वो वृक्ष है जिसका पालन पोषण वर्तमान में होता । मगर बीज भविष्य की वह कड़ी है जिसे हमारे स्वतंत्रता नायकों ने बोया हैं । अब यह हमारा जिम्मा हैं हमें पौधा अर्थात देश को किस प्रकार से विकसित करना है ।
यदि हरएक भारतीय एक कदम आगे बढ़ाता है तो हम 130 करोड़ कदम आगे बढ़ते हैं । हम इस आज़ादी के अमृत महोत्सव पर अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेंगे । एक बार फिर से अपने भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाएंगे । 


निबंधकार – विनय कुमार झा 

नोट – आजादी के अमृत महोत्सव पर सभी जानकारी को काफ़ी सटीकता से देने का प्रयास किया है । यदि फिर भी किसी प्रकार की चूक हो जाती हैं तो आप हमें कमेंट या सीधे संपर्क करके बता सकते हैं । आपके विचार हमारे लिए सराहनीय है । 

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