उत्तर प्रदेश बना अपराधियों का गढ़, देश सबसे अधिक हत्या और अपहरण के मामले में पहले स्थान पर
हाल ही में जारी हुए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (2022) के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में अपराधित मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज़ की गई। लेकिन देश में जनसंख्या के अनुसार अपराध दर में यूपी 22वें पायदान पर है।
अपराधियों के ख़िलाफ़ यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते हत्या के मामलों में कमी आई है. लेकिन बंदूक से हत्याओं का चलन बड़ा हैं, कुल मिलाकर प्रदेश में लगभग 3491 हत्या के मामले दर्ज़ किए गए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा था ''यहां यूपी में दंगे नहीं होते और कोई माफिया किसी को धमकी नहीं दे सकता, उचित कानून व्यवस्था है”।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2017 में सत्ता में आई थी। तब से ही सरकार का दावा रहा हैं कि प्रदेश में अपराधिक मामलों में गिरावट आई हैं। जबकि सरकारी आंकड़े इसके एकदम उलट हैं।
प्रदेश में अपहरण के मामले पिछले तीन वर्षों में बढ़ते हुए क्रम में दर्ज़ किए गए हैं। एनसीआरबी के हालिया आंकड़ों के मुताबिक 2022 में 16,262 मामले दर्ज़ हुए। वर्ष 2021 और 2020 में क्रमशः 14,554 और 12,913 मामले दर्ज़ हुए।
महिला अपराध के मामलों में राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता हैं। देश भर में 29,900 बलात्कार के मामले दर्ज़ हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश से 3690 मामले दर्ज़ किए गए।
भाजपा सरकार के सत्ता में के बाद से ही अपराधियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया था, मगर अपराध के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। यूपी सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए कभी गलत आंकड़े प्रस्तुत करती तो कभी फर्जी एनकाउंटर करवा देती हैं।
प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार कमज़ोर पड़ रही हैं और बुल्डोजर न्याय कर रहा हैं।
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